Elite theory : Pareto elite theory in hindi, moska elite theory in hindi, Michelle elites theory in hindi, pareto का कुलीन वर्ग का सिद्धान्त hindi me,अभिजात वर्ग, विशिष्ट वर्ग सिद्धांत के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में।

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इस पोस्ट में हम जानेंगे Elite theory : moska elite theory, Michelle elites theory, pareto का कुलीन वर्ग का सिद्धान्त,अभिजात वर्ग, विशिष्ट वर्ग सिद्धांत

परेटो के अभिजात वर्ग के परिभ्रमण के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में।


Elite theory, अभिजन वर्ग,अभिजात वर्ग, विशिष्ट वर्ग, कुलीन वर्ग सिद्धांत -

        मनुष्य के जीवन में प्राचीन काल से विभिन्न प्रकार के लोगों का शासन व प्रशासन होता आया है इसमें से निम्न वर्ग के लोग मुख्य रूप से शोषित हुए तथा इस वर्ग का उपयोग उच्च या विशिष्ट वर्ग के लोगों ने अपने स्वार्थ हेतु किया। इसी के साथ लोगों में जागरूकता फैली और लोकतंत्र का उदय हुआ। राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो अभी भी सत्ता विशिष्ट वर्ग के हाथ में थी।
लोकतंत्र में देखा जाए तो राजनीतिक परिपेक्ष में दो प्रकार के विचारधारा चल रही थी 
१) उदारवादी विचारधारा,
२) मार्क्सवादी विचारधारा।

इसमें देखते हैं कि उदारवादी विचारधारा के अंतर्गत दो प्रकार के वर्ग आते हैं-

१) शासक वर्ग
२) गैर शासक वर्ग


                                       Leader


Pareto elite theory (पारेटो का कुलीन वर्ग ,परेटो के अभिजात वर्ग के परिभ्रमण सिद्धांत)-

       परेटो के अभिजात वर्ग के परिभ्रमण सिद्धांत (Elite theory) मे पैरेटो का कहना है कि समाज में केवल कुलीन वर्ग या विशिष्ट वर्ग ने ही शासन किया है। परेतो ने अपनी एक पुस्तक "mind and society" में कहा है कि प्राचीन काल से ही विशिष्ट वर्ग के लोग शासन किए हैं तथा इन्हीं विशिष्ट वर्ग के लोगों में ही सत्ता की अदला बदली होती रहती है। साधारण जनता कभी भी सत्ता मैं नहीं आ पाती। इसका मतलब यह है की साधारण जनता सत्ता के प्रति निरंकुश होती है तथा इन पर विशिष्ट वर्ग शासन करते हैं। जनता तो मात्र वोट देने का काम बस करती है। उसके बाद सत्ता से उसे कोई लेना देना नहीं होता लेकिन जब उसे लगता है कि शासन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है तो उसका विरोध भी करती है तथा अगली बार सत्तारूढ़ को वोट नहीं देती तथा जनता किसी दूसरे वर्ग को वोट देकर चुनाव करती है। लेकिन देखने में हमें मिलता है कि कुछ विशिष्ट वर्ग ही सत्ता में चक्रीय क्रम में चलते रहते हैं। साधारण जनता कभी भी उस जगह नहीं पहुंचती। अपवाद स्वरूप ही कोई आ पाता है।


Vilfredo Pareto

परेटो के कुलीन वर्ग सिद्धांत (Elite theory) 
के अनुसार दो प्रकार के ही अभिजन होते हैं जो सत्ता पर काबिज होते हैं-

          १) जो एक शेर की तरह अपना निर्णय लेते हैं।


 जो बिना डरे किसी काम को करने से नहीं हिचकते। नेतृत्व की क्षमता इन लोगों के खून में होती है जो बचपन से ही यही देखते आते हैं कि नेतृत्व कैसे करना है तथा लोग उनका अनुसरण करते हैं इनको मानते हैं इस तरह के लीडर हमेशा लोगों से जुड़ कर रहते हैं संगठन की ताकत को समझते हैं तथा कभी भी चालाकी वाला गुण इनमें नहीं पाया जाता। जिसके कारण जो दूसरी तरह के अभिजन वर्ग है इसका फायदा उठाते हैं जिसे हम आगे समझेंगे।


       २) दूसरा प्रकार लीडर का एक चालाक लोमड़ी की तरह होती है।जो कि बहुत चालाकी से तथा लोगों के बीच सामंजस्य बनाकर रहते हैं। अपने किसी भी कार्य का बहुत ही अच्छे तरीके से प्रचार प्रसार करते हैं चाहे वह कार्य गलत हो या सही हो। इस प्रकार के लीडर लोगों के बीच दरार डालने का काम करते हैं और उसका फायदा उठाते हैं।
ऐसे अभिजन वर्ग बड़े निर्णय लेने से कतराते हैं तथा डरते हैं इस कारण इनकी सत्ता चली जाती है।



          इस प्रकार हम देखते हैं की शासन करने तथा नेतृत्व करने वाली जगह हमेशा अभिजन वर्ग की रहती है। चाहे वह नेतृत्व शेर की तरह करें या लोमड़ी की तरह उनमें सत्ता की अदला-बदली होती है। लेकिन हमेशा अभिजन वर्ग (कुलीन वर्ग) ही सत्ता पर काबिज होते हैं। सामान्य जनता उस जगह नहीं पहुंच पाती है। सत्ता कभी भी सामान्य जनता के हाथ में नहीं आती।


        उदाहरण के रूप में समझें तो किसी राज्य जैसे मध्यप्रदेश को ही देखें तो यहां कई बार अलग-अलग राजनीतिक पार्टी के लोग शासन किए हैं बीजेपी, कांग्रेसी आदि। सत्ता कुछ विशिष्ट वर्गों के हाथ में होती है। सामान्य जनता तो केवल वोट देती है तथा जनता अपनी इच्छा से किसी विशेष वर्ग को चुनती है तथा यही विशिष्ट वर्ग शासन चलाते हैं।

Moska elite theory (मोस्का सिद्धांत) -

         अपनी पुस्तक "The rulling class (1939)" में मास्को ने कहा है कि लोकतंत्र में दो तरह के वर्ग होते हैं एक शासक और दूसरा शासित। शासक वर्ग में संगठन की भावना अधिक होती है क्योंकि इनमें सत्ता का मोह ज्यादा रहता है तथा यह डर भी रहता है कि कहीं सत्ता हाथ से ना चली जाए। इसीलिए यह संगठित रहते हैं। जबकि शासित वर्ग कभी भी संगठित नहीं होते इसीलिए यह सत्ता पर काबिज नहीं हो पाते। शासित वर्ग के लोग कभी भी सत्ता में नहीं आते लेकिन शासक को अपने अनुसार चुनाव करके निश्चित समय पर परिवर्तन कर सकते हैं।

Michael elite theory (मिचेल्स का कुलीन वर्ग का सिद्धान्त)-

Michaels ने विशिष्ट वर्ग हेतु 2 नियम दिए-

अल्प तंत्र का लोहा नियम -

           उसके अनुसार किसी भी संगठन में कुछ लोग ही ऐसे होते हैं जो सत्ता पर बैठे होते हैं और वही चेहरे बार-बार शासक के रूप में सामने आते हैं। यह अल्प तंत्र का लोह नियम है।

Mass mind theory-

          शासन करने वाले विशिष्ट वर्ग के लोग संख्या में बहुत कम होते हैं और यह लोगों को अपनी बात मनवाने में माहिर होते हैं। वाकपटुता ही अच्छी होती है। सभी प्रकार के साम दाम दंड भेद सब जानते हैं। लोगों को आसानी से अपनी और आकर्षित कर लेते हैं।




          इस प्रकार हम देखते हैं कि विशिष्ट वर्ग के लोग ही सत्ता पर रहते हैं और इन्हीं लोगों में ही सत्ता की अदला-बदली होती है और सामान्य जनता सत्ता से दूर निरंकुश रहती है। लेकिन वर्तमान में जनता के पास शक्ति है कि एक निश्चित समय के बाद सत्ता में परिवर्तन कर सकें। लेकिन सत्ता में दूसरे विशिष्ट वर्ग का ही स्थान रहता है।

इस प्रकार हमने Elite theory : moska elite theory, Michelle elites theory, pareto का कुलीन वर्ग का सिद्धान्त,अभिजात वर्ग, विशिष्ट वर्ग सिद्धांत के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में। के बारे में सीखा आप लोगों को यह जानकारी कैसी लगी नीचे कमेंट जरुर करें।

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