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५ एस निबंध Essay on 5S in hindi-
५ एस का सामाजिक जीवन में प्रभाव-
 
         सम्पूर्ण विश्व मानव संसाधन के लिए कार्यस्थल है और ५ एस उसके कार्य को सरल , सटीक बनाने और समय प्रबंध की अचूक रणनीति है । इसका मुख्य उद्देश्य कार्य को सम्पूर्ण क्षमता, सुव्यवस्थित, सुरक्षित और स्वच्छ तरीके से संपादित करना है। इसे सिर्फ उद्योग, कारखानों में ही नहीं अपितु अपनी पूरी सामाजिक जीवन में अपनाने से दिनचर्या आसान होती है। ५ एस एक कार्यप्रणाली है जिसकी शुरुआत जापान में हुई जिसके अंतर्गत पाँच जापानी शब्दों को लिया गया है जो कि एस से शुरू होने के कारण 5S नाम दिया गया। ये शब्द क्रमशः SEIRI, SEITON, SEISO, SEIKETSU और SHITSUKE हैं। अंग्रेजी में इन्हें क्रमशः shot, set in order, standardization, shine, sustain कहते हैं।




           अब हम देखेंगे कि उक्त 5S को अपनाने से हमारे सामाजिक जीवन में किस प्रकार से प्रभाव पड़ता है। 
            प्रथम SEIRI है जिसका अर्थ हिंदी में छँटाई है। इसके अंतर्गत हम उपयोग की वस्तुओं को प्राथमिकता और उपयोगिता के आधार पर उनकी छँटाई करते हैं और जो वस्तु वर्तमान में उपयोग की नहीं है उसे अलग जगह संभाल कर रख देते हैं। SEIRI से हम केवल वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उपयोग की वस्तुएं ही अपने पास रखते हैं। इससे जगह की समस्या से निजात मिलती है और हमें वह परिवेश सुसज्जित दिखता है।
           अब हम उपयोग की वस्तुएं पास में तो रखेंगे लेकिन उन सबको अव्यवस्थित नहीं रख सकते हैं इसलिए द्वितीय एस की आवश्यकता होती है जिसे SEITON या सुव्यवस्था कहते हैं। इसमें हम अपनी उपयोग की वस्तुओं को व्यवस्थित तरीके से रखते हैं जिससे हमें वस्तुओं को खोजने में आसानी हो। वस्तुओं को इस तरह से रखने से हमारा मन किसी वस्तुओं को ढूंढने में झुंझलाता नहीं है। इस प्रकार हम शांत मन से अपने कर्तव्य का निर्वहन करके समाज के विकास में भागीदार बनते हैं।
             इसी क्रम में उपयोग की वस्तुओं को सुव्यवस्थित रखकर इस प्रक्रम में निरंतरता लाना जरूरी है और यह तभी आएगा जब इस सिस्टम में हमारा मन लगा रहेगा। अतः उन वस्तुओं की साफ सफाई भी जरूरी है। इसलिए ३ एस की आवश्यकता हुई जिसे Seiso या स्वच्छता कहते हैं। इसके अंतर्गत हम वस्तुओं को सभी स्तर पर साफ करके रखते हैं। इसके लिए सप्ताह में कोई एक दिन स्वच्छता के लिए निर्धारित की जाती है जहाँ पर हर व्यक्ति अपने अपने स्थान में साफ - सफाई रखते हैं।
              इसी क्रम में चौथा एस है SEIKETSU जिसे मानकीकरण कहते हैं। इसे सड़क पर लगे नामपट्ट( SIGNBOARD) से समझ सकते हैं कि कैसे उसमें अमुक स्थान की दिशा-निर्देश बताई जाती है। यहां तक कि मानकीकरण में उस नामपट्ट की लंबाई- चौड़ाई क्या रहेगी? उसका रंग कैसा रहेगा? उसमें लिखे अक्षर का रंग और आकार क्या होगा? भी आता है। इसी प्रकार सभी कार्यालयों, स्कूलों आदि में नक्शा बनाकर स्थान का बोध कराया जाता है। यह भी मानकीकरण के अंतर्गत आता है।
              अंतिम एस है SHITSUKE जिसे अनुशासन कहते हैं।चूँकि हमने १ एस, २ एस, ३एस, ४ एस कर लिया। अब हमें ५ एस में चीजों को अनुशासित रखना है। अनुशासित रखने के लिए लोगों को प्रशिक्षण देना, कार्यक्षेत्र को अलग-अलग भागों में विभाजित करना और उनका निरीक्षण करना जरूरी है। ५एस को अनुशासित करने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाता है और उत्साहवर्धन के लिए पुरस्कार भी दिया जाता है।
               ५ एस को अपने जीवन में अपनाने से समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस प्रभाव को हम कुछ दैनिक तथ्यों से स्पष्ट कर सकते हैं। जैसे द्वितीय एस से चीजों को पता लगाने में आसानी होती है। इससे हमारा समय बचता है। अनियमितता का पता चलता है और उसे सही किया जाता है। इससे हमारे जगह की बचत होती है। इसी प्रकार वस्तुओं के उपयोग की दक्षता में भी वृद्धि होती है। इसके लिए एक कहावत है-" PLACE FOR EVERYTHING AND EVERYTHING IN ITS PLACE". इसी प्रकार ५ एस को आचरण में लाने पर क्या प्रभाव पड़ता है वो इस तरह है - उत्पादन के वस्तुओं की गुणवत्ता बढ़ती है जिससे समाज सभी गुणवत्तायुक्त पदार्थ का उपभोग करता है। किसी भी वस्तुओं के प्रति अविश्वास या अस्वीकार में कमी आती है। वस्तुओं के मूल्य में कमी आती है। हर चीज सही समय मे होने से वितरण प्रणाली मेंसुधार आता है। लोगों की सुरक्षा बढ़ती है, दुर्घटनाओं में कमी आती है। लोग उत्साहित होकर अपने कार्य को करते हैं और अपने कर्तव्यों का वहन करते हैं। इस प्रकार ५ एस से पूरे समाज मे शान्ति और खुशहाली आती है। सही समय पर लोगों को सही वस्तु उचित मूल्य पर प्राप्त होती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं ५ एस वह शिक्षा है जो हमें वास्तविकता में सामाजिक जीवन में किस तरह से रहना चाहिए उसका अर्थ बताती है।
              इस प्रकार हम देखते हैं कि सामाजिक जीवन मे आने वाली विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और अपनी जीवन शैली में सुव्यवस्था लाने के लिए ५ एस एक अहम भूमिका निभाता है। विभिन्न उद्योगों, स्कूलों, महाविद्यालयों में 5S की जानकारी दी जाती है। तथा विभिन्न स्तर के समागम का आयोजन किया जाता है ताकि कार्यस्थल और समाज में सुव्यवस्थित जीवन शैली का निर्वाह हो। देश की सरकार का भी ये कर्तव्य बनता है कि ५ एस जैसे प्रणाली की जानकारी स्कूलों, महाविद्यालयों, गांवो, शहरों में मुहैया कराए ताकि जनता के जीवन शैली में आवश्यक सुधार हो तथा वे देश की प्रगति में अपनी अमूल्य भागीदारी दे सकें।
         " नवनिर्माण की ओर जायेंगे,
                           ५ एस को अपनाएंगे।।